रिपोर्ट -इमरान खान
नीमच। मध्य प्रदेश के अंतिम छोर में बसे नीमच जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के नाम से जाना जाता है। यही नहीं अब जुआ माफियाओं के नाम से भी नीमच शहर जाने जाना लगा है। एक समय जिले के कई थाना क्षेत्रों में मोटी मासिक बंदी देकर बैखौफ होकर जुआ -सट्टा माफिया सक्रिय रहते थे। बावजूद जिले में जब से पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी ने पदभार ग्रहण किया है तभी से उनकी पहली प्राथमिकता अवैध मादक पदार्थों,व जुआ माफियाओं से लेकर आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ अंकुश लगाने का हमेशा प्रयास किया है। जुआ माफियाओं को हमेशा पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी का डर सताने लगता है। आखिर डर सताए क्यों नहीं लाखों रुपए की मासिक बंदी से चल रहा जुआ जो पुलिस अधीक्षक के पदभार ग्रहण करते से ही पूरी तरह से बंद हो चुका था। बावजूद अब बताया जा रहा है कि जुआ माफिया एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा रामपुरा बना लिया है। पहले जुआ माफियाओं ने मनासा मे डेरा डाल दिया था जिसके बाद कुकड़ेश्वर पहुंच गए वहां बात नहीं जमी तो आप रामपुर में अपना अवैध कारोबार जमा कर जुआ का महाकुंभ चला रहे हैं। यहां जुआ माफिया इसलिए पनप रहे हैं कि सीमावर्ती क्षेत्र राजस्थान के निंम्बाहड़ा छोटी सादड़ी में जुआ पूरी तरह से बंद हो चुका है। यहां पुराने ही जुआ माफिया पार्टनरशिप में एक बड़े जुएं को संचालित कर रहे हैं। जिससे उनकी भाषा में घोड़ी दाने का अगुल-अगुल का खेल यहां (क्लब) कहां जाता है। जुआरियों की महफ़िल दोपहर से ही रामपुरा में सजती है। जिसके बाद एक -दो घंटे बित जाने के बाद जुआ अपने पूरे शबाब पर आ जाता है। बता दे जुआ माफिया राउंड के हिसाब से प्रति व्यक्ति के हिसाब से खिलाड़ियों के पैसे लेते हैं। खिलाड़ी भी लाखों रुपए लेकर अपनी किस्मत घोड़े दाने में आजमाते हैं। जिसकी किस्मत चमकतीं है वहां राजा जैसे निकलता है। और जिसकी किस्मत खराब हो वहां अपनी कीमती चीज़ें भी जुआरियों को बेच देता है।हारे हुए खिलाड़ियों चीज भी गिरवी खरीदने के लिए आदमी अलग से खड़े रहते हैं। साथ ही पैसे बंटने वाले लोग भी अलग खड़े रहते हैं। जिन्हें माफियाओं की जुबान में दुकान कहां जाता है। यहां लोग हारे हुए खिलाड़ियों की कीमती चीज रखकर पैसा देते हैं। इसके बदले वहां 100 गुना पैसा वसूल लेते हैं। जैसे दस हजार पर एक हजार रूपए रोजाना इसका भी जुआ माफियाओं ने अलग ही नाम दिया है उनकी भाषा में ब्याज नहीं ,,चूंगी,, के रुपए कहां जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी जुआ माफियाओं के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने मीडिया से चर्चा में साफ तौर पर जुआ सट्टा माफिया को आशियाना पर बुलडोजर चला कर नेस्तनाबूद कर कठोर कार्रवाई की बात कही थी। जिससे लोगों की जिंदगी खराब ना हो अब बताया जा रहा है कि यहां जुआ माफिया निचले स्तर की पुलिसकर्मियों से सांठगांठ कर अपने अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। अब देखना यहां होगा कि ईमानदार पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी इन माफियाओं पर क्या एक्शन लेते हैं।