रिपोर्ट -इमरान खान
नीमच। पोस्ता मंडी पूरे मालवा मेवाड में प्रसिद्ध मानी जाती है। नीमच मंडी में कुछ सालों से कुख्यात तस्कर जयकुमार उर्फ बाबू सिंधी पोस्तादाना की आड में मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा था। जिससे पूरी पोस्ता मंडी कलंकित हुई थी। हालांकि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की कार्रवाई से अवैध धंधे का भंडाफोड हुआ और 255 क्विंटल मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में बाबू सिंधी जेल की सलाखों के पीछे जा पहुंचा बाबू सिंधी के जेल जाने के कुछ माह बाद से ही नीमच में एक और बाबू सिंधी पैदा हो गया है, जिसकी फार्म का नाम धीरेन्द्र इंटरनेशनल, मनोज ट्रेडर्स कंपनी है दोनों फार्म के संचालक शैलेंद्र गर्ग, सुबोध भंसाली नीमच से लेकर पंजाब, हरियाणा सहित कई प्रांतों में इन दिनों तस्करी की दुनिया में बड़े पैमाने से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने के काम में जुट चुके हैं। तो वहीं बाबू सिंधी की ही स्टाईल में छुपे रूस्तम बनकर पोस्तादाना की आड में शैलेंद्र गर्ग, सुबोध भंसाली अफीम कालादाना और धोलापाली की तस्करी कर रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोस्तादाना की आड में धीरेन्द्र इंटरनेशनल मनोज ट्रेडर्स फार्म द्वारा जमकर मादक पदार्थ की तस्करी की जा रही है। औद्योगिक क्षेत्र नीमच में पोस्तादाना की छनाई बडे पैमाने पर हो रही है। सुबोध भंसाली इंडस्ट्री एरिया,व कनावटी एरिया के समीप शैलेंद्र गर्ग के फार्म है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के साथ मिलकर सुबोध भंसाली, शैलेंद्र गर्ग, ने बड़े पैमाने से तस्करी की थी। बाबू सिंधी का तस्करी का केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम ने भंडाफोड़ किया था। जो पूरे प्रदेश में कार्रवाई तारीफें काबिल मानी जा रही थी। कार्रवाई के बाद पोस्ता मंडी से जुड़े व्यापारियों में हड़कंप मच चुका था। ईमानदार पोस्ता कारोबारियों की भी छवि बाबू से जुड़े सिंडिकेट चलाने वाले व्यापारियों ने खराब कर पूरे प्रदेश मे मंडी को बदनाम कर दिया। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के खास व्यापारियों में जाने- जाने वाले शैलेंद्र गर्ग सुबोध भंसाली का नाम पहले नंबर पर आता है। बाबू सिंधी के कार्रवाई के बाद धीरेंद्र इंटरनेशनल, मनोज ट्रेडर्स फार्म पर सीबीएन ने अचानक छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया था। वहीं विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि फिर एक बार सुबोध भंसाली शैलेंद्र गर्ग दोनों साथ मिलकर अवैध मादक पदार्थ की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। तगड़ी सेंटीग के चलते इन्हें कोई रोक नहीं पर अगर जांच एजेंसियां द्वारा इस काले साम्राज्य की पूरी पड़ताल की जाए तो एक बड़ी सफलता हाथ लग सकती है।