जावद। भारतीय जनता पार्टी में मंत्री पद पर रहते हुए सिर्फ मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सेवा की आड़ में मेवा खाने का काम किया है। अपनी सत्ता में मंत्री पद पर रहते हुए ओमप्रकाश सखलेचा के कई मामले मीडिया में सुर्खियां बटोर चुके हैं। किसानों की बात करने वाले मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुआ था। जिसमें साफ़ तौर पर मंत्रीजी अपना रोब झाड़ते हुए गांव सुवाखेड़ा और खेड़ा राठौर की जमीन के मामले में ओमप्रकाश सखलेचा भड़क उठे थे। गौरतलब है कि मामला मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने किसानों दुर्व्यवहार किया है। ऐसा ही एक मामला जावद क्षेत्र के विधायक और मप्र सरकार के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री के क्रियाकलाप में ओमप्रकाश सखलेचा के नाम समाने आ चुके हैं। चाहे 7 पेज की सुसाइड नोट या फिर भोली भाली जनता को बेवकूफ बना देना। आप को ज्ञात हो विगत बर्ष पहले गांव सुवाखेड़ा और खेड़ा राठौर के किसानों की भूमि पर खनिज मंत्रालय द्वारा लाइम स्टोन की खदान का पट्टा 50 साल के लिए राजास्थान के चंदेरिया की फर्म को स्वीकृत कर दिया गया। खास बात यह है कि कुल 221.043 हेक्टेयर भूमि पर यह खदान स्वीकृत की गई है, जिसमे केवल 26.362 हेक्टेयर भूमि शासकीय है जबकि 194.681 हेक्टेयर जमीन किसानों की निजी है। किसानों को उनकी भूमि पर खदान स्वीकृत होने की जानकारी तब मिली जब दावे आपत्ति के लिए प्रशासन ने जनसुनवाई रखी। किसान आक्रोशित हो गए और तीखा विरोध किया था।जिसके बाद किसान न्याय के खिलाफ लिए अपनी फरियाद लेकर मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के पास पहुंचे थे। जिसके बाद मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने किसानों का अपमान करते हुए किसानों से बहस करने लगें,और कहने लगे की तुम लोग तलवें चाट रहे हो जो बदले में सौदा करते हो सत्ता के नशे में मदहोश होकर किसानों का अपमान तो किया था।अब किसानों के गांव गांव जाकर पैर पकड़कर वोट मांगने मे जुटे हैं। अब जनता सब मंत्री के कारनामों को जान चुकी है, और मंत्री को सबक़ सिखाने की ठान ली है।