रिपोर्ट -इमरान खान
मंदसौर। मंदसौर जिले में शराब माफिया मनीष जाट पुसिल प्रशासन पर हावी हो रहा है, आखिर अधिकारी शराब माफिया मनीष जाट पर मेहरबान क्यों है! क्या मनीष जाट मौटी मासिक बंधी पहुंचा रहा है! विगत दिनों सीतामउ पुलिस ने 150 पेटी अवैध शराब जब्त की थी, यह अवैध शराब मनीष जाट की थी, सीतामउ थाना प्रभारी आरसी डांगी ने निष्पक्षता से कार्रवाई करते हुए शराब माफिया को आरोपी बना दिया और इसके साथ ही ब्लैकिया नीतेश बांछडा को भी आरोपी बनाया। नियम के मुताबिक मादक पदार्थ की तरह अवैध शराब देने वाला और जिसके यहां पहुंचना थी, वह भी आरोपी बनता था, पुलिस ने अपना काम किया और शराब उपलब्ध करवाने वाले शराब माफिया मनीष जाट का नाम डाल दिया, लेकिन इसके कुछ घंटो बाद ही टीआई आरसी डांगी को हटा दिया। सूत्र बताते है कि एक अधिकारी की शराब माफिया मनीष जाट से तगडी सेटिंग है, मनीष जाट सलाखों के पीछे न जाए, इसके लिए मौटी रकम भी दी गई। मनीष जाट का नाम हटाने की चर्चा है, वहीं निर्दोष टीआई आरसी डांगी को सीतामउ थाने से हटाने का विरोध हो रहा है। सूत्र बताते है कि शराब माफिया को बचाने के लिए टीआई की बलि दी गई है, अगर टीआई डांगी रहते तो शराब माफिया मनीष जाट का सलाखों के पीछे जाना तय था। अब सीतामउ थाने में मनीष जाट का नाम गायब करने का खेल शुरू हो गया है। सीतामउ में शराब माफिया मनीष जाट को बचाने के लिए टीआई की बलि चढाने की खबर पीएचक्यू तक पहुंच गई है। उज्जैन आईजी भी इस मामले में सख्त निर्णय ले सकते है
चुनावी वर्ष में सीएम शराब माफियाओं के खिलाफ, वहीं मंदसौर पुलिस मेहरबान- चुनाव आयोग के सख्त निर्देश है कि अवैध शराब के परिवहन और भंडारण, क्रय- विक्रय पर सख्ती से कार्रवाई करें, हालांकि अभी आचार संहिता लगी नहीं है, फिर भी इस दिशा में ही पूरे प्रदेश में कार्य हो रहा है, लेकिन मंदसौर जिले में शराब माफिया मनीष जाट अवैध शराब गांव-गांव में पहुंचा रहा है, आगामी चुनाव में भी शराब माफिया चुनाव आयोग के मंसूबे पर पानी फेरेगा। इस मामले की शिकायत भी चुनाव आयोग को हो चुकी है।
वित्त मंत्री जगदीश देवडा के नाम का दुरूपयोग सूत्र बताते है कि वित्त मंत्री जगदीश देवडा के नाम का दुरूपयोग शराब माफिया मनीष जाट और नितेश बांछडा कर रहे है। वित्त मंत्री जगदीश देवडा काफी सुलझे हुए व्यक्ति है, ऐसे में चुनावी वर्ष में ऐसे माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करें। वित्त मंत्रीजी देवडा को इस संबंध में ध्यान देना होगा, नहीं हो ये माफिया उनके नाम से मलाई खाते रहेंगे और थाना प्रभारी और अन्य अधिकारी को बताते रहेंगे कि वे उनके खास है