सर्दियों का अपना एक अलग मज़ा होता है लेकिन जब बात हृदय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी आती है तो यह बेहद सावधान रहने का मौसम है। कुछ लोग ठंड के मज़े के साथ सेहत का मज़ाक उड़ा देते हैं वो ये भूल जाते हैं कि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए हमारे दिल को ऑक्सीजन पंप करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ठंड का मौसम आर्टरी को भी संकुचित कर देता है जिस वजह से हमारे दिल में खून और ऑक्सीजन के फ्लो पर बहुत असर पड़ता है और खून के थक्कों (blood clotting) ) की संभावना बढ़ जाती है जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
सर्दियों में एक्टिव रहना काफी चुनौती भरा होता है जिस कारण लोगों को अपने बिस्तर से उठकर वर्कआउट करने में मुश्किल होती है। इस मौसम में भूख भी आमतौर पर काफी लगती है तो ऐसे में लोग गुलाब जामुन, गाजर का हलवा और छोले भटूरे जैसे कैलोरी वाले खाने को खाना ज्यादा पसंद करते हैं। हमारे इस चंचल मन के कारण हमारा दिल मुसीबत में पड़ जाता है। लाइफस्टाइल में कुछ स्वस्थ बदलाव करके इससे काफी हद तक बचा जा सकता है।
1. रोज करें एक्सरसाइज
सर्दियों के मौसम में हमें सबसे पहले जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत है, वह यह है कि हमें हर दिन व्यायाम करना जारी रखना चाहिए। व्यायाम, हालांकि, सुबह जल्दी नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन थोड़ी देर बाद जब धूप हो क्योंकि दिन के शुरुआती घंटों में मौसम बेहद ठंडा होता है। व्यायाम अत्यंत महत्वपूर्ण है और सर्दियों के दौरान इसे जारी रखना चाहिए। व्यायाम इतना आसान है कि आप इसे कमरे में घर के अंदर आसानी से कर सकते हैं।
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2. ज्यादा मात्रा में नमक न खाएं
हम सभी का सर्दियों के मौसम में अधिक नमक वाला खाना खाने की आदत होती है। यह समझना ज़रूरी है कि आखिर नमक की मात्रा को सीमित करना क्यों चाहिए? नमक का सेवन सीमित करना काफी ज़रूरी है ताकि हम अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रख सकें। इसलिए, नमक की मात्रा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
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3. हाई शुगर डाइट से बचें
सर्दियों में खाने में चीनी की मात्रा बढ़ा देना एक जानी-मानी आदत है। लोग ठंड में गाजर का हलवा और गुलाब जामुन जैसी मिठाइयों का लुत्फ उठाना पसंद करते हैं। इन मिठाइयों का सेवन कम से कम करना चाहिए और अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए। अधिक चीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, इसलिए इसे समय रहते कम करना ज़रुरी हो जाता है।
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4. शराब से दूरी है जरूरी
हम सभी जानते हैं कि सर्दियों के महीनों में पार्टी बढ़ जाती है। ऐसे में शराब पीना अब बहुत आम बात भी हो गई है। शराब को एरिथमिया या यूं कहें कि दिल की धड़कन अनियमित तौर पर बढ़ने का कारण माना जाता है। जिसका दिल पर गंभीर परिणाम हो सकता हैं।